- 1. The economic development of women is made self-reliant through business with minimum financial support through Ritu Microcredit. Through the three daily meetings between them, a group of 5-10 women of urban and rural areas is provided by Ritu Micro Credit, complete information about micro loan transactions and all the terms and conditions related to micro credit. 18% -29% annual interest rate up to Rs 30,000-5,00,000 for business, agriculture, domestic and other private members to women members only after submission of necessary documents, applications and after scrutiny of group members and guarantors The loan is given to women members in semi-monthly / monthly installments for 5-7 days from 12 to 36 months.
- 2. For taking a loan through Ritu Microcredit, the applicant will have to deposit Accident Insurance, Processing and other charges right up to Rs. 1,000-30,000/- and if there is any product, then the advance amount along with the fee fixed by the office, in which only one lakh rupees of debtor Mahila members are provided by the accident insurance office to the insurance company. All the terms and conditions of insurance will not be accepted as per Ritu Microcredit but only according to the rules of the insurance company.If during the insurance period only the indebted lady members suffer any kind of physical damage, then according to the rules of the insurance company, the loan will only help the debtor in getting his compensation from the insurance company.
- 3. If the fixed installment of the loan is not deposited by any member of the women's group created by Ritu Microcredit, then all the members of the group and their guarantors are fully accountable, in that case the installment amount of the debtor of the group. Will be submitted by all members.Otherwise all the members of the group by Ritu Microcredit, after filing a case in court on the debtor and the guarantor, will get the full amount of the loan from the group members debtor and guarantor with a 2% daily late fee on the amount of the loan.
- 4. If the work area has been subjected to disaster by the state and central government, an epidemic has spread in that area, a serious crisis has arisen or any kind of misfortune has occurred in the family of the debtor during that period. No installment amount will be taken from the group members or debtors at that time.But as soon as the problem or situation like disaster, epidemic, severe crisis arises in the area, the solution or situation becomes common. In such a situation, the total amount of installment will be deposited by the office by the debtor and group members till that date or according to the order of the office.
- 5. All the officials, workers and members of Ritu Microcredit will trust each other and cooperate with each other, will solve the problems arising in the field. And Ritu Microcredit will always work only on Ritu Microcredit rules.
- 6.The right to any modification of the rules related to Ritu Micro Credit Program is reserved by Ritu Micro Credit and D.S.C.T. And in addition to the rules mentioned in this manual, the rules issued by Ritu Microcredit are acceptable.
- 7. Any kind of dispute or problem arising under the program run by Ritu Micro Credit will be resolved in the District Court of the administrative office area created by Ritu Micro Credit in the state.
नियम एव शर्तें
- 1. रितू सूक्ष्म ऋण द्वारा महिलाओं कि आर्थिक विकास न्यूनतम वित्तीय सहायता कर व्यवसाय के माध्यम उन्हे आत्मनिर्भर बनाई जाती है। रितू सूक्ष्म ऋण द्वारा शहरी एव ग्रामीण इलाको के 5-10 महिलओं का एक समूह बनाकर उन्के बीच तीन दैनिक बैठक के माध्यम सुक्ष्म ऋण लेन-देन एवं सूक्ष्म ऋण से सम्बंधित सभी नियम व शर्तों कि सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाती हैं। समूह कि प्रत्येक महिला सदस्यो का आवश्यक कागजात, आवेदन जमा करने तथा जॉचोपरान्त समूह सदस्यों एवं जमानतदार के कहने पर ही महिला सदस्या को व्यवसाय कृषि, घरेलू एवं अन्य नीजी कIर्य हेतू 30,000-5,00,000 रूपये तक 18%-29% वार्षिक ब्याज कि दर से 12-36 महीनों के लिए अर्द्धमासीक / मासीक किस्तो पर 5-7 दिनों में महीला सदस्या को ऋण दी जाती है।
- 2. रितू सूक्ष्म ऋण द्वारा ऋण लेने हेतू आवेदिका को दुर्घटना बीमा, प्रोसेसिगए एंव अन्यु शुल्क सहीत 1,000-30,000/- रूपये और यदि कोई उत्पाद (प्रोडक्ट) हो तो कार्यालय द्वारा निर्धारित शुल्क के साथ अग्रीम राशी कार्यालय में जमा करनी होगी, जिनमे केवल ऋणी महीला सदस्या का एक लाख रूपये कि दुर्घटना बीमा कार्यालय द्वारा बीमा कम्पनी से करवायी जाती हैं। बीमा कि सभी शर्ते रितू सूक्ष्म ऋण कि नही बल्कि बीमा कम्पनी के नियमो के अनुसार ही मान्य होगी। यदि बीमा अबधी के दौरान केवल ऋणी महीला सदस्या को किसी भी प्रकार कि शारिरिक क्षति होती है, तो बीमा कम्पनी के नियमानुसार ऋणी को बीमा कम्पनी से उसका क्षति-पूर्ति दिलवाने मे रितू सुक्ष्म ऋण केवल मात्र सहायता करेगी।
- 3. रितू सूक्ष्म ऋण द्वारा बनाई गई महिला समूह के किसी भी सदस्या द्वारा ऋण कि निर्धारित किस्त समयानूसार जमा नही कि जाती है, तो उसका पूरा जबाबदेही समूह के सभी सदस्यो एवं उनके जमानतदार कि हैं, वैसी स्थिति में ऋणी का किस्त कि राशी समूह के सभी सदस्यों द्वारा जमा किया जायेगा। अन्यथा रितू सूक्ष्म ऋण द्वारा समूह के सभी सदस्यो, ऋणी एंव जमानतदार पर न्यायालय में मामला दर्ज कर उनपर कानूनी कार्यवायी के द्वारा ऋण कि बIकि राशि पर 2% दैनिक विलम्ब शुल्क के साथ ऋण कि पूर्ण राशि समूह सदस्यों ऋणी एवं जमानतदार से वसूली जायेगी।
- 4. यदि कार्यक्षेत्र को राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा आपदा के अधीन रखा गया हो, उस क्षेत्र मे महामारी फैला हो, कोई भयंकर संकट उत्पन्न हो गई हो या ऋणी के घर परिवार मे अचानक किसी भी प्रकार कि विपति आ गई हो तो उस अवधी दौरान समूह सदस्यो या ऋणी से उस समय किस्त कि राशी नही ली जायेगी लेकिन जैसे ही क्षेत्र में उत्पन्न आपदा, महामारी, भयंकर संकट आयी हुई विपती जैसी जटील समस्या का समाधान या स्थिति समान्य हो जाती है। वैसी स्थिति मे ऋणी एवं समूह सदस्यो से एकमूस्त या कार्यालय के आदेशानुसार उस तिथि तक कि किस्त कि कुल राशि कार्यालय द्वारा जमा करवाई जाएगी।
- 5. रितू सुक्ष्म ऋण के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं सदस्य एक दूसरे पर विश्वास व एक दूसरे का सहयोग करेंगे, कार्यक्षेत्र में उत्पन्न समस्याओ का समाधान आपस में करेंगे। तथा हमेशा ही रितू सूक्ष्म ऋण के नियमावली पर ही कार्य करेंगे।
- 6. रितू सूक्ष्म ऋण कार्यक्रम से सम्बंधित नियमावली में किसी भी प्रकार का संशोधन का अधिकार रितू सूक्ष्म ऋण एवं डि०एस०सी०टी० के पास सुरक्षित हैं। तथा इस नियमावली में उल्लेखीत नियमो के अलावे रितू सूक्ष्म ऋण के द्वारा निर्गत नियमावली ही सर्वमान्य हैं।
- 7. रितू सूक्ष्म ऋण द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम अन्तर्गत किसी भी प्रकार का विवाद या उत्पन्न समस्या का समाधान रितू सूक्ष्म ऋण के द्वारा राज्य मे बनाये गये प्रशासनीक कार्यालय क्षेत्र के जिला न्यायालय मे ही होगा।